My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Lav Tiwari and Kush Tiwari Live Performance at Chhat Mahotsav in Noida

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Me and Noida MLA Smt Vimla Batham

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Lav Tiwari and Kush Tiwari on Mahuaa Plus

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Big Brother Ravi Pratap Singh

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Me Ravinder Goel and Chiranjeet Sir

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Thursday, October 31, 2013

Jalao Diye par rahe dhyan itana. By Neeraj Gopal

जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये |


नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल,
उडे मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले,
लगे रोशनी की झडी झूम ऐसी,
निशा की गली में तिमिर राह भूले,
खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग,
उषा जा न पाये, निशा आ ना पाये |


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये |


स्रजन है अधूरा अगर विश्व भर में,
कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी,
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी,
कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी,
चलेगा सदा नाश का खेल यूं ही,
भले ही दिवाली यहां रोज आये |


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये |


मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ जग में,
नहीं मिट सका है धरा का अंधेरा,
उतर क्यों न आयें नखत सब नयन के,
नहीं कर सकेंगे ह्रदय में उजेरा,
कटेंगे तभी यह अंधरे घिरे अब,
स्वय धर मनुज दीप का रूप आये |


जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये | ----गोपालदास "नीरज"


Monday, October 28, 2013

Var de vidavadini var de By Surykant Tripathi Nirala

वर दे, वीणावादिनि वर दे !
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे !

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे !

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
नव पर, नव स्वर दे !

वर दे, वीणावादिनि वर दे।___सूर्यकांत त्रिपाठी निराला



Saturday, October 26, 2013

Log tut jate hai ek ghar banane me By Bashir Badr

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में

और जाम टूटेंगे इस शराब-ख़ाने में
मौसमों के आने में मौसमों के जाने में

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्र बीत जाती है दिल को दिल बनाने में

फ़ाख़्ता की मजबूरी ये भी कह नहीं सकती
कौन साँप रहता है उसके आशियाने में

दूसरी कोई लड़की ज़िन्दगी में आयेगी
कितनी देर लगती है उसको भूल जाने में ___बशीर बद्र



Friday, October 25, 2013

Ab to mazahab koi aisa bhi chalaya jaye By Gopaldas Neeraj

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।

जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।

आग बहती है यहाँ गंगा में, झेलम में भी
कोई बतलाए कहाँ जाके नहाया जाए।

प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए।

मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
मैं रहूँ भूखा ,तो तुझसे भी न खाया जाए।

जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आँसू तेरी पलकों से उठाया जाए।

गीत उन्मन है, ग़ज़ल चुप है, रूबाई है दुखी
ऐसे माहौल में ‘नीरज’ को बुलाया जाए। __गोपालदास नीरज



कुछ बातें नीरज जी के बारें में ___जन्म: 04 जनवरी 1924
उपनाम__ नीरज
जन्म स्थान__ पुरावली, इटावा, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख
कृतियाँ__ दर्द दिया है, प्राण गीत, आसावरी, गीत जो गाए नहीं, बादर बरस गयो, दो गीत, नदी किनारे, नीरज की गीतीकाएँ, नीरज की पाती, लहर पुकारे, मुक्तकी, गीत-अगीत, विभावरी, संघर्ष, अंतरध्वनी, बादलों से सलाम लेता हूँ, कुछ दोहे नीरज के कारवां गुजर गया
विविध____ 2007 में पद्म भूषण सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित

Rato ke musafir ho adhero me rahoge By Bashir Badr

रातों के मुसाफ़िर हो , अँधेरों में रहोगे 
जुगनूँ की तरह दिन में जलोगे, न बुझोगे

सब लोग ये कहते हैं कि तुम लौट गये हो 
तुम साथ थे, तुम साथ हो, तुम साथ रहोगे 

क्या अनकही ग़ज़लों की किताबें हैं वो आँखें 
जब पढ़ नहीं सकते हो, तो क्या ख़ाक लिखोगे 

खुशबू की हवेली है मेरे दिल की ज़मीं पर 
वादा करो , इक रोज़ मेरे साथ चलोगे

दिल्ली हो कि लाहौर कोई फ़र्क नहीं है
सच बोल के हर शहर में ऐसे ही रहोगे ____बशीर बद्र




tere aane ki jab khabar mehke by jagjit singh

तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुशबू से सारा घर महके

शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके

रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके

यार आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके

वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके

तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुश्बू से सारा घर महके____

गायक ___जगजीत सिंह



Samjhauta ki bhid bhad me sabse rishta toot gya by Munawwar Rana

समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया

देख शिकारी तेरे कारन एक परिन्दा टूट गया
पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन शीशा टूट गया

घर का बोझ उठाने वाले बचपन की तक़दीर न पूछ
बच्चा घर से काम पे निकला और खिलौना टूट गया

किसको फ़ुर्सत इस दुनिया में ग़म की कहानी पढ़ने की
सूनी कलाई देखके लेकिन चूड़ी वाला टूट गया

ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में
टूटा-फूटा नाच रहा है, अच्छा ख़ासा टूट गया

पेट की ख़ातिर फ़ुटपाथों पर बेच रहा हूँ तसवीरें
मैं क्या जानूँ रोज़ा है या मेरा रोज़ा टूट गया

शेर बेचारा भूखा-प्यासा मारा-मारा फिरता है
शेर की ख़ाला ख़ुश बैठी है भागों छींका टूट गया___मुन्नवर राणा



kasme waade pyaar wafa sab baatein hain - upkaar (Manna Dey)

कसमे वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या
कोई किसी का नहीं ये झूठे, नाते हैं नातों का क्या
कसमे वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या

होगा मसीहा
होगा मसीहा सामने तेरे
फिर भी न तू बच पायेगा
तेरा अपना ____
तेर अपना खून ही आखिर
तुझको आग लगायेगा
आसमान में ___
आसमान मे उड़ने वाले मिट्टी में मिल जायेगा
कसमे वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या

सुख में तेरे
सुख में तेरे साथ चलेंगे
दुख में सब मुख मोड़ेंगे
दुनिया वाले ___
दुनिया वाले तेरे बनकर
तेरा ही दिल तोड़ेंगे
देते हैं ____
देते हैं भगवान को धोखा, इनसां को क्या छोड़ेंगे
कसमे वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या___इन्दीवर




Sar jhukaoge to patthar devta ho jayega By Bashir Badr

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा

कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िन्दगी ने कह दिया
तू नहीं मेरा, तो कोई दूसरा हो जाएगा

मैं ख़ुदा का नाम लेकर पी रहा हूँ दोस्तो
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा

सब उसी के हैं हवा, ख़ुश्बू, ज़मीनो-आसमाँ
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा___बशीर बद्र




Mai to jhoka hoo hva ka uda le jauga by Kumar Vishvas

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा
जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा
ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा

कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा

कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब
मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगा

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गये
सब यह रह जायेंगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा___कुमार विश्वास



mujhse bichhad ke khush rehte ho by jagjit singh

मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो

इक टहनी पर चाँद टिका था
मैं ये समझा तुम बैठे हो

उजले-उजले फूल खिले थे
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो

मुझ को शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो

तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे
बच्चों सी बातें करते हो ___बशीर बद्र




Wednesday, October 23, 2013

Sunte hain ki mil jaati hai har cheez dua se By Jagjeet Singh

सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से
एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से 

तुम सामने बैठे हो तो है कैफ़ की बारिश
वो दिन भी थे जब आग बरसती थी घटा से

ऐ दिल तु उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना
आ जाये हँसी उनको जो बैठे हैं खफ़ा से

दुनियाँ भी मिली है, ग़म-ए-दुनियाँ भी मिला है
वो क्यों नहीं मिलता जिसे माँगा था ख़ुदा से

जब कुछ ना मिला हाथ दुआओं को उठाकर
फिर हाथ उठाने ही पड़े हमको दुआ से

आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं
मर जाये कि जी जाये कोई उनकी बला से

सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से
एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से

गायक ____जगजीत सिंह



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Sunday, October 20, 2013

Lah lah lahke la sagaro sivanava ki by Harvinder Singh Shibbu

लह लह लहके ला सागरो सिवनवा की (भोजपुरी लोक गीत)

लह लह लहके ला सागरो सिवनवा की -2
महके ला बाल कचनार
हो मितवा देख तू गाउवा हमार -2

चॅम चॅम चमके ला धानी रे चुनरिया की -2
हरियर भैअले घर द्वार
हो मितवा देख तू गाउवा हमार -2

पियर - भएले सागरो सिवनवा
छा गैइले बसंत के बाहर रे सजनावा
मान मोरा नाचे जैसे भोली रे चिरिया की-2
नेहिया के पखिया पसार .........................
हो मितवा..............................2

काबो सुख बाढ़ काबो आईले विपतियआ
हमनी खातिर बस आइल बा ससतिया
फुटत किरीनिया सिवनवा मे जाई-2
इहे बाटे जिये आधार
हो मितवा..............................2

राम राम करके बिताई दिन रतीया
सबका से आपस मे लगाई ना पिरीतीया
दुश्मन के देखी ना बैर भाव भूल के-2
सीमा पे लड़के तैयार
हो मितवा..............................2

लह लह लहके ला सागरो सिवनवा की -2
महके ला बाल कचनार
हो मितवा देख तू गाउवा हमार -2


गीत हरविंदर सिंह शिब्बू



He atithi mera swagat sweekar kijiye (Welcome Song)

स्वागत गीत...........................................

हे अतिथि मेरा स्वागत स्वीकार कीजिए-2
अपने गले मे प्रेम का -2  ये हार लीजिए
हे अतिथि...............................-2

हम आप के स्वागत मे पलके बिच्छाए है-2
भगवान बनके आप मेरे घर मे आए  है-2
कुछ भी नही भाव का उप हार लीजिए
हे अतिथि...............................-2


नही साग है बीदूर का, सेवरी का नही बेर-2
पंगु है कैसे आप ,का सत्कार हम करे-2
सब कुछ भुला के आप हमे प्यार दीजिए
हे अतिथि...............................-2


इस आगमन से आप के खुश है यहा के लोग-2
जॅन जॅन के मिलन का बना प्यारा मधुर सुयोग-2
ता उम्र इस मिलन का निर्वाह कीजिए..
हे अतिथि...............................-2


गीत-: ओम प्रकाश सिह,हरविंदर सिंह (शिब्बू) (1997)
      युवराजपुर  गाज़ीपुर