Tuesday, April 9, 2024

झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 

चइत महिनवां

झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां।

 

अमवा के मोजरा से गमके सिवनवां,

कुकेली कोयलिया भावेला मोरा मनवा,

चारो ओरी डोलेला मदनवां हो रामा चइत महिनवां।

झुरु-झुरु बहेला..............

 

महुआ के कोंचवा से टपकेला रसवा,

जियरा मदाई जाला उड़ेला अकसवा,

बस में ना आवे मोरा मनवा हो रामा, चइत महिनवां। 

झुरु-झुरु बहेला..............

 

खेतवा में झुनू-झुनू बाजे अरहरिया,

खेतिहर धइ लेला खेत के डगरिया,

नीक लागे खेत-खरिहनवा हो रामा, चइत महिनवां।

झुरु-झुरु बहेला..............


गीतकार

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१



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