चइत महिनवां
झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां।
अमवा के मोजरा से गमके सिवनवां,
कुकेली कोयलिया भावेला मोरा मनवा,
चारो ओरी डोलेला मदनवां हो रामा चइत महिनवां।
झुरु-झुरु बहेला..............
महुआ के कोंचवा से टपकेला रसवा,
जियरा मदाई जाला उड़ेला अकसवा,
बस में ना आवे मोरा मनवा हो रामा, चइत महिनवां।
झुरु-झुरु बहेला..............
खेतवा में झुनू-झुनू बाजे अरहरिया,
खेतिहर धइ लेला खेत के डगरिया,
नीक लागे खेत-खरिहनवा हो रामा, चइत महिनवां।
झुरु-झुरु बहेला..............
गीतकार
हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी
ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर
संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१
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