My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Lav Tiwari and Kush Tiwari Live Performance at Chhat Mahotsav in Noida

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Me and Noida MLA Smt Vimla Batham

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Lav Tiwari and Kush Tiwari on Mahuaa Plus

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Big Brother Ravi Pratap Singh

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Me Ravinder Goel and Chiranjeet Sir

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Tuesday, May 7, 2013

Pyar Ne Kaise Din Ye Dikhaye Hindi Lyrics

प्यार ने कैसे दिन ये दिखाए..........२
कोई दिल ना किसी से लगाये....
प्यार ने कैसे दिन ये ...................

है तो सबबर् मे गुज़रे ज़माने
आज भी हम है उनके दीवाने
कोई उनको ये जा कर बताये......
कोई दिल ना किसी से लगाये....
प्यार ने कैसे............................

जिंदगी मे ये क्या मोड़ आए
जो थे आपने हुए पराए
साथ है उनके याद के साये
कोई दिल ना किसी से लगाये....
प्यार ने कैसे............................

हसरते रो रही है मचलकर
रात गुज़री है करवट बदलकर
ख्वाब उनके यादो के साए
कोई दिल ना किसी से .................
प्यार ने कैसे ..............

गायक:
अनुराधा,जसवंत सिह
गीतकार:
रानी मलिक



Hum tere Shahar me aaye hai.....................

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -2,
सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौका दे दे।
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -२।

मेरी मंजिल है कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ -2,
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ,
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे ।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -२।

अपनी आंखों में छुपा रक्खे हैं जुगनू मैंने,
अपनी पलकों पे सजा रक्खे हैं आंसू मैंने,
मेरी आंखों को भी बरसात का मौका दे दे।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -२।

आज कि रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले,
कप-कापते होठों की शिकायत सुन ले,
आज इज़हार-ऐ ख़यालात का मौका दे दे।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -२।

भूलना ही था तो ये इकरार किया ही क्यूँ था,
बेवफा तुने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था,
सिर्फ़ दो चार सवालात का मौका दे दे।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -2,
सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौका दे दे।
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह -२।

Jiski Dhun Par Duniya Nache

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल एक ऐसा इकतारा है,
जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है.
झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर,
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है.

जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,
जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,
कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उमर मगर ,
बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत है .

पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना ?
जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर अधिकार क्या करना ?
मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में हैं,
जो हो मालूम गहराई, तो दरिया पार क्या करना ?

बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन,
मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तनचंदन,
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है,
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन.

तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ,
तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नही लेकिन,
तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ

--डॉ० कुमार विस्वास