My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Lav Tiwari and Kush Tiwari Live Performance at Chhat Mahotsav in Noida

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Me and Noida MLA Smt Vimla Batham

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Lav Tiwari and Kush Tiwari on Mahuaa Plus

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Big Brother Ravi Pratap Singh

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Me Ravinder Goel and Chiranjeet Sir

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Thursday, July 31, 2014

E Husn Be Parvah Tujhe By Gulam Ali

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ
फूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ-सा कहूँ......

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ..........

गेसू उड़े महकी फ़िज़ा जादू करें आँखे तेरी
सोया हुआ मंज़र कहूँ या जागता सपना कहूँ.......

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ........

चंदा की तू है चांदनी लहरों की तू है रागिनी
जान-ए-तमन्ना मैं तुझे क्या- क्या कहूँ क्या न कहूँ.......

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ
फूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ-सा कहूँ.........



बशीर बद्र




Fir savan rut ki pawan chali By Gulam Ali and Aasha Bhoshale

फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आये..तुम याद आये

फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आये..तुम याद आये
फिर पत्तों की पाजेब बजी तुम याद आये...तुम याद आये

फिर कूँजें बोलीं घास के हरे समुन्दर में
रुत आई पीले फूलों की तुम याद आये...तुम याद आये

पहले तो मैं चीख के रोया और फिर हँसने लगा
बादल गरजा बिजली चमकी तुम याद आये...तुम याद आये

फिर कागा बोला घर के सूने आँगन में
फिर अमृत रस की बूँद पड़ी तुम याद आये....तुम याद आये

दिन भर तो मैं दुनिया के धंधों में खोया रहा
जब दीवारों से धूप ढली तुम याद आये..तुम याद आये

तुम याद आये...तुम याद आये 



गीतकार- नासीर काज़मी



गायक - आशा, ग़ुलाम अली



Wo khat ke purze uda raha tha By Jagjeet singh and Gulzar

वो ख़त के पुर्जे उड़ा रहा था,

वो ख़त के पुर्जे उड़ा रहा था,
हवाओं का रुख दिखा था,

कुछ और ही हो गया नुमायाँ,
मैं अपना लिखा मिटा रहा था,

उसी का ईमां बदल गया है,
कभी जो मेरा खुदा रहा था,

वो एक दिन एक अजनबी को,
मेरी कहानी सुना रहा था,

वो उम्र कम कर रहा था मेरी,
मैं साल अपने बढ़ा रहा था.


गुलज़ार



Raz ki bate likhi aur khat khula rahane diya By Gulam Ali

राज़ की बातें लिखी और ख़त खुला रहने दिया


राज़ की बातें लिखी और ख़त खुला रहने दिया
जाने क्यूँ रुसवाईओं का सिलसिला रहने दिया

उम्र भर मेरे साथ रहकर वो ना समझा दिल की बात
दो दिलों के दरमियाँ इक फ़ासला रहने दिया

अपनी फ़ितरत वो बदल पाया न इसके बावजूद
खत्म की रंजिश मगर फिर भी गिला रहने दिया

मैं समझता था ख़ुशी देगी मुझे साबीर फरेब
इसलिए मैं ने ग़मों से राबिता रहने दिया


साबिर जलालाबादी



Karoge yad to har bat yad aayegi By Bhupinder Singh

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी

ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी....

बरसता भीगता मौसम धुवा धुवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी.....

गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी......



बशर नवाज़