कल भी मन अकेला था आज भी अकेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है
ढूंढते हो तुम खुशबू कागज़ी गुलाबों में
प्यार सिर्फ मिलता है आज कल किताबों में
रिश्ते नाते झूठे हैं स्वार्थ का झमेला है
ज़िन्दगी के मंडप में हर ख़ुशी कंवारी है
किस से मांगने जाएँ हर कोई भिखारी है
कहकहो की आँखों में आंसुओं का रेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है ___पंडित के राजदान
गायक___ मनहर उधास
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है
ढूंढते हो तुम खुशबू कागज़ी गुलाबों में
प्यार सिर्फ मिलता है आज कल किताबों में
रिश्ते नाते झूठे हैं स्वार्थ का झमेला है
ज़िन्दगी के मंडप में हर ख़ुशी कंवारी है
किस से मांगने जाएँ हर कोई भिखारी है
कहकहो की आँखों में आंसुओं का रेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है ___पंडित के राजदान
गायक___ मनहर उधास
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