लह
लह
लहके
ला
सागरो
सिवनवा
की (भोजपुरी लोक गीत)
लह लह लहके ला सागरो सिवनवा की -2
महके ला बाल कचनार
हो मितवा देख ल तू
गाउवा हमार -2
चॅम चॅम चमके ला धानी रे चुनरिया की -2
हरियर भैअले घर द्वार
हो मितवा देख ल तू
गाउवा हमार -2
पियर -२ भएले सागरो सिवनवा
छा गैइले बसंत के बाहर रे सजनावा
मान मोरा नाचे जैसे भोली रे चिरिया की-2
नेहिया के पखिया पसार .........................
हो मितवा..............................2
काबो सुख बाढ़ काबो आईले विपतियआ
हमनी खातिर बस आइल बा ससतिया
फुटत किरीनिया सिवनवा मे जाई-2
इहे बाटे जिये क आधार
हो मितवा..............................2
राम राम करके बिताई दिन रतीया
सबका से आपस मे लगाई ना पिरीतीया
दुश्मन के देखी ना त बैर भाव भूल के-2
सीमा पे लड़के तैयार
हो मितवा..............................2
लह लह लहके ला सागरो सिवनवा की -2
महके ला बाल कचनार
हो मितवा देख ल तू
गाउवा हमार -2
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