सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से
एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से
तुम सामने बैठे हो तो है कैफ़ की बारिश
वो दिन भी थे जब आग बरसती थी घटा से
ऐ दिल तु उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना
आ जाये हँसी उनको जो बैठे हैं खफ़ा से
दुनियाँ भी मिली है, ग़म-ए-दुनियाँ भी मिला है
वो क्यों नहीं मिलता जिसे माँगा था ख़ुदा से
जब कुछ ना मिला हाथ दुआओं को उठाकर
फिर हाथ उठाने ही पड़े हमको दुआ से
आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं
मर जाये कि जी जाये कोई उनकी बला से
सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से
एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से
गायक ____जगजीत सिंह
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एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से
तुम सामने बैठे हो तो है कैफ़ की बारिश
वो दिन भी थे जब आग बरसती थी घटा से
ऐ दिल तु उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना
आ जाये हँसी उनको जो बैठे हैं खफ़ा से
दुनियाँ भी मिली है, ग़म-ए-दुनियाँ भी मिला है
वो क्यों नहीं मिलता जिसे माँगा था ख़ुदा से
जब कुछ ना मिला हाथ दुआओं को उठाकर
फिर हाथ उठाने ही पड़े हमको दुआ से
आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं
मर जाये कि जी जाये कोई उनकी बला से
सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से
एक रोज तुम्हे माँग के देखेंगे ख़ुदा से
गायक ____जगजीत सिंह
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Poet Rana akbarabadi
ReplyDeleteMust watch a poem
ReplyDeletehttps://www.amarujala.com/video/kavya/mere-alfaz/vishal-fulara-will-you-come-back-again
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ReplyDeletehttps://bazm-e-sahar.blogspot.com/2018/11/blog-post_69.html?m=1