काहे जिया दुखवल चल दिहला मोहे विसार के
एतना बता द ए दूल्हा गंगा पार के २–२
जानिला की तोहरे में बसी लॉ परनवा २
ओहि रे परनवा पे तूही धड़कनवा २
फीर काहे मनवा से,रख दिहल मोहे उतार के
एतना बता द ए दूल्हा गंगा..........
सोचनी की अंगना में मड़वा छवाइब २
सेनुरा से हमरी ई मगिया भराई २
लेकिन चढ़ न मेहदी न लगल महावर प्यार के
एतना बता द ए दूल्हा गंगा........
काठ के करेजवा तू काहे बनवल २
साथ जिए मरे के वादा भुलवल २
काहे धुवा उठवल तू मधुर सपनवा जार के
एतना बता द ए दूल्हा गंगा........
काहे जिया दुखवल चल दिहला मोहे विसार के
एतना बता द ए दूल्हा गंगा पार के ४