करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी....
बरसता भीगता मौसम धुवा धुवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी.....
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी......
बशर नवाज़
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी....
बरसता भीगता मौसम धुवा धुवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी.....
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी......
बशर नवाज़
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