
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये पहले जां फिर जानेजां फिर जानेजाना हो गए दिन-ब-दिन बढती गईं इस हुस्न की रानाइयां पहले गुल फिर गुल-बदन फिर गुल-बदामां हो गए आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए पहले दिल, फिर दिलरुबा, फिर दिल के मेहमां हो गए प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ मिट गए आप से , फिर तुम हुए, फिर तू का उन्वां हो गए गायक ___मेहँदी हसन
Link of this Son...