My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Friday, December 6, 2013

Rafta Rafta wo meri Hasti ke saman Ho gaye - Mehdi Hassan

रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये पहले जां फिर जानेजां फिर जानेजाना हो गए दिन-ब-दिन बढती गईं इस हुस्न की रानाइयां पहले गुल फिर गुल-बदन फिर गुल-बदामां हो गए आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए पहले दिल, फिर दिलरुबा, फिर दिल के मेहमां हो गए प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ मिट गए आप से , फिर तुम हुए, फिर तू का उन्वां हो गए गायक ___मेहँदी हसन Link of this Son...

Apani marzi se kha apane safar ke hum hai by jagjit singh

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं, रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं। पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है, अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं। वक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों से किसको मालूम कहाँ के हैं, किधर के हम हैं। चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब सोचते रहते हैं किस रहग़ुज़र के हम हैं।__निदा फ़ाजली गायक ___जगजीत सिंह ...