Tuesday, November 8, 2011

तू जिन्दा है तो जिन्दगी के ,जीत पर य़कीन कर


तू जिन्दा है तो जिन्दगी के ,जीत पर य़कीन कर
अगर कही है स्वर्ग तो उतर ला जमीं पर


ये गम के चार दिन ,सितम के चार दिन
ये दिन भी जायेगे गुजर,गुजर गए हज़ार दिन
कभी तो होगी इस चमन में बहार की नज़र
अगर कही ..............................................


हजारो वेश धर के आई, मौत तेरे द्वार पर
मगर तुम्हे न छल सकी, चली गयी वो हर कर
नई सुबह के संग सदा तुझे मिली नई उमर
अगर कही ..............................................


सुबह और शाम के रंग ,हुए गगन को चूम कर
तू सुन जमीं गा रही है, कब से झूम झूम कर
तू आ मेरा श्रृगार कर ,तू आ मुझे हसीन कर
अगर कही ...............................................

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