My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Tuesday, April 9, 2024

हमके मिक्सर मँगवा द –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 हमके मिक्सर मँगवा द सिलवट पर हरदी ना पीसब ननद, हमके मिक्सर मँगवा द।   लोढ़ा उठावत क मुरुकल कलाई, अब नाहीं हमसे मसाला पिसाई, अपना भइया से जा के बता द ननद, हमके मिक्सर मँगवा द। सिलवट पर हरदी...........   पीसत-पीसत चूड़ी फुटि जाला, हाथ सुकुवार मोर, पड़ल फफोला, वैदा से दवाई मंगा द ननद, हमके मिक्सर मँगवा द। सिलवट पर हरदी...........   बइठि पीसत करिहइयाँ पिराइल, खड़े-खड़े कीचन क आदत धराइल, इहे सनेस पठवा द ननद, हमके...

झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 चइत महिनवां झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां।   अमवा के मोजरा से गमके सिवनवां, कुकेली कोयलिया भावेला मोरा मनवा, चारो ओरी डोलेला मदनवां हो रामा चइत महिनवां। झुरु-झुरु बहेला..............   महुआ के कोंचवा से टपकेला रसवा, जियरा मदाई जाला उड़ेला अकसवा, बस में ना आवे मोरा मनवा हो रामा, चइत महिनवां।  झुरु-झुरु बहेला..............   खेतवा में झुनू-झुनू बाजे अरहरिया, खेतिहर धइ लेला खेत के डगरिया, नीक...

सोना भइले सगरो सिवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा। –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

चढ़ते चइतवा सोना भइले सगरो सिवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा।   भोरे-भोरे आम डारि कूकेले कोयलिया, देखि-देखि मन भावे गेहूंवा के बलिया, झुरु-झुरु बहेला पवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा। सोना भइले सगरो सिवनवां.......   पाकि-पाकि तिसिया झुनून-झून बाजे, चना-अरहरिया मिलाई ताल साजे, बाजे जइसे गोरी के कंगनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा। सोना भइले सगरो सिवनवां.......   रतिया के लागि जाला चंनवां के पहरा, खेतवा में जाले लोग होते भीनुसहरा, अनधन से...

चइत मासे लिहले जनमवा जगतपति, अवधपुरी में –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

चइत मासे लिहले जनमवा जगतपति, अवधपुरी में।चइत मासे लिहले जनमवा हो रामा , अवधपुरी में।   मध्य दिवस बीच नवमी के दिनवां, सीतल मंद-मंद झुरुके पवनवां, कोसिला के बनले ललनवा जगतपति, अवधपुरी में। चइत मासे लिहले.............   राजा दसरथ जी के ललसा पुराइल, रिद्धि-सिद्धि उतरी अजोधिया में आइल, बरसत फूल गगनवा जगतपति, अवधपुरी में। चइत मासे लिहले.............   गहगह अनघ बधाइया बाजत, मंगल गीत सभे जन...

देबि माई के बगिया में –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 देबि माई के बगिया में                      देबि माई के बगिया में रंग-रंग के फुलवा हो सोहावन लागे ना, गमगम गमकेले फुलवरिया, हो सोहावन लागे ना।   बेईल, गेनिया, कनईला, अड़हुलवा  हो मनभावन लागे ना, गमगम गमकेले फुलवरिया, हो सोहावन लागे ना।   गरवा में मुंड-माला, हाथे तिरसुलवा रूपवा लुभावन लागे ना,गीतकार-----हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरीग्राम...

सारदा माई दे दिहीं गियनवां –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

सारदा माई दे दिहीं गियनवां ज्ञान अउरी बुद्धि के खजनवां।  सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥   हथवा में वीणा अउरी हंस के सवारी, कमल सफेद हाथे, श्वेत वस्त्रधारी, चमकेला धरती, असमनवां।   सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥        रऊरी चरनियां में मथवा नवाइलां, सभवा में पहिले-पहिले रउरे गून गाइलां,   हीरदय में राखिलां धियनवां।  सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥   दे दिहीं सरनिया अपना...

असवों बढ़ि आइल गंगा जी के पनिया हो –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

असवों बढ़ि आइल गंगा जी के पनिया हो, लगनियाँ दियाई कइसे। बूड़ि गइल सगरो खेतवा सिवनियां हो, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे॥ मंहगी क मार से लाचार भइल जिनगी,करजा कपारे बा पहाड़ भइल जिनगी,मिलल जात बाटे माटी में जवनियाँ हो,  लगनियाँ दियाई कइसे, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे.....टुटहि पलनियाँ  ना छावे कs ठेकान बा,ढहलि दलनियाँ से आफते में जान बा,जान कइसे बची सुनs मोरे जनियाँ हो,लगनियाँ दियाई कइसे, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे.....छोटकी क कापी-कलम, फीस ना दियात बा,छोटका...