Thursday, November 21, 2013

Koi fariyad tere dil me dabi ho jaise By Jagjit Singh

कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे

जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर साँस रूकी हो जैसे

जानता हूँ आपको सहारे की ज़रूरत नहीं
मैं तो सिर्फ़ साथ देने आया हूँ

हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे

राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है
वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे

एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र
ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे

इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं
मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे

कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे_____फैज़ अनवर

गायक ___जगजीत सिंह



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