Friday, April 7, 2023

प्रभु के सिवा कही दिल ना लगाना

तर्ज –परदेसियों से ना अखियां मिलना
गीतकार – फणिभूषण चौधरी
स्वर – धीरज कांत

प्रभु के सिवा कही दिल ना लगाना 2
नही तो पड़ेगा तुझे 2 आसू बहाना 
प्रभु के सिवा ...…..........2

ओ ............
जो प्रभु का गुणगान किया है
सच्चा जीवन वो ही जिया है 2
सुमिरन के बल से तुझे 2 मुक्ति है पाना 
प्रभु के सिवा .............

ओ.......
बालापन गया आज जवा है
बीत गया है अब, समय कहा है २
सोच समझ के 2 वक्त गवाना 
प्रभु के सिवा .............

ओ........
आया जहा से वही फिर जाना
वहा साथ जाए न पैसा खजाना 2
पूछे गा तो क्या 2 करोगे बहाना 
प्रभु के सिवा .............


प्रभु के सिवा कही दिल ना लगाना 2
नही तो पड़ेगा तुझे 2 आसू बहाना 
प्रभु के सिवा ...…..........3

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