Wednesday, November 20, 2024

जियता में नाहीं, नाहीं मुअला में अइल,बेटा ई का कइल -: विद्या सागर "सागर सनेही

जियता में नाहीं, नाहीं मुअला में अइल,
बेटा  ई का कइल,
 रीतियो रिवाज भूलि गइल
जबले जियल माई सबही से कहलस
बचवा हमार आई रहिया निहरलस
आवेके कहिके तूंहूं काहे नाहीं अइल
बेटा ई का कइल, रितियो............... 

रुक गइली सांस, आश जिनगी के टूटल
तोहके निहारे खातिर आंख रहे खूलल
प्रीतिया के रीति त्यागी कहाँ अंझुरइल
बेटा ई का कइल रीतियो................ 

जीवन के साथी जब छोड़ि दिहली साथ हो
कइसे बिताइब दिनवा नइखे सुझात हो
"सागर" होइब हमार कइसे, माई के ना भइल
बेटा ई का कइल रीतियो रिवाज भुलि गइल



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