वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
करूं वंदना आराधना हे गौरी पुत्र गजानन
जय जय गणेश जय श्री गणेश
तू ही हो सुख करता देवा
तू ही हो दुख हरता देवा
हे गज मु खा यः लम्बोदराय
शिव पार्वती के नंदना
जय जय गणेश ........
हे एकदंताय विद महेश
हे वक्रटुंडाए धीमहि
मोदक प्रियी, रिद्धि सिद्धि पति
सोहे माथ तिलक श्री चांदना
जय जय गणेश ........
करूं वंदना आराधना हे गौरी पुत्र गजानन
जय जय गणेश जय श्री गणेश
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