Tuesday, October 25, 2022

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना 


मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना ३

तुझे मिल गई पुजारन २ और मुझे मिल गया ठिकाना

ओं प्रभु जी मुझे रास....................


मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले २ २

तेरी याद ने बना दी ओ गिरधर तेरे भजन ने बना दी 

मेरी जिंदगी बनाना

मुझे रास आ गया.............................


मुझे इसका गम नही है २ कि बदल गया ये ज़माना २

मेरी जिंदगी के मालिक कही तुम बदल ना जाना

मुझे रास आ..............


तेरी सावली सी सूरत, मेरे मन में बस गई है ओ गिरधर

मेरे सावरे कन्हैया २ मुझे और ना सतना २

मुझे रास आ......


मेरी आरजू यही है ,दम निकले तेरे दर पर

क्यों कि अभी सास चल रही ओ गिरधर

कही तुम चले ना जाना 

मुझे रास आ..............


मुझे रस ........२

तुझे मिल.......२



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