Tuesday, August 12, 2025

नाम पाक , नापाक इरादा तेरा पाकिस्तान रे।भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे।।

बदलकर भेष क्यो मारा, न हिदुस्तान में आआओ
हमे अगर आजमाना है तो रण मैदान में आओ

नाम पाक , नापाक इरादा तेरा पाकिस्तान रे।
भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे।।

भेष बदलकर धोखा देना आदत तेरी पुरानी है 
मां का दूध पिया है गर तो करता क्यों नादानी है 
दम है प्यारे पास तुम्हारे आजा रण मैदान रे
भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे

याद करो सन् पैंसठ को लाहौर में घुस कर मारे थे 
चरणों में गिर कर तेरे आका रक्षा करो पुकारे थे
दया लगी दे दिये जीत कर फिर से तुझको दान रे
भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे

सन् एकहत्तर में फिर से जो तुमने की मनमानी 
तेरी ऐसी तैसी कर के हमने याद दिला दी नानी 
बांट दिया दो टुकड़ों में, तोड़ दिया अभिमान रे
भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे

पहल गांव में पहल घिनौना तेरी जाति बताता है 
कुत्ते की दुम सीधी करना हमको भी तो आता है 
अबकी "सागर" रेलेंगे मिट जाये नाम निशान रे
भूल रहा है शायद तेरा बाप है हिन्दुस्तान रे

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