राम आ गए,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए 2
आँखों में प्रेम आंसू,चरणों को धो रही है 2
मारे ख़ुशी के शबरी,व्याकुल सी हो रही है 2
क्या लाऊँ क्या खिलाऊँ,कुछ भी समझ ना आए,
राम आ गये,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए 2
वन से जो तोड़कर वो,दोना में बेर लायी 2
सकुचा के मन में शबरी,श्री राम को बढ़ाई 2
श्री राम को दिया जब,तो भी लखन ना खाए,
राम आ गये,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
राम आ गए,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥
0 comments:
Post a Comment