Monday, March 4, 2024

राम आ गए,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए

राम आ गए,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए 2

आँखों में प्रेम आंसू,चरणों को धो रही है 2
मारे ख़ुशी के शबरी,व्याकुल सी हो रही है 2
क्या लाऊँ क्या खिलाऊँ,कुछ भी समझ ना आए,
राम आ गये,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए 2

वन से जो तोड़कर वो,दोना में बेर लायी 2
सकुचा के मन में शबरी,श्री राम को बढ़ाई 2
श्री राम को दिया जब,तो भी लखन ना खाए,
राम आ गये,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥

राम आ गए,धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥



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