राह रोकी न छेकी अब सोनार धनिया हई ल पहिरअ तू गरवा में हार धनिया तोहरे नामे कह त क दी पूरा बाजार रनिया तू त सोना चनियो से महंग बाड़ू हमार कनियाँ.... रहे मजबूरी ओहबेर लाग गईल बा...की सोनरा के सीखा देले रहली छोटकी का...की ज़ब पता चलल त भईल जम के मार धनिया राह रोकी न छेकी अब सोनार धनिया हमरे से लेत बा उ कर्जा उधार हो बन गईल बा दिन जानत बाटे जवार हो कहअ त करधन गढ़ा दी आ मोटका हार धनिया ...