My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Friday, January 31, 2025

राह रोकी न छेकी अब सोनार धनिया गीत :डॉ शशिकांत तिवारी

राह रोकी न छेकी अब सोनार धनिया  हई ल पहिरअ तू गरवा में हार धनिया   तोहरे नामे कह त क दी पूरा बाजार रनिया     तू त सोना चनियो से महंग बाड़ू हमार कनियाँ....  रहे मजबूरी ओहबेर लाग गईल बा...की सोनरा के सीखा देले रहली छोटकी का...की   ज़ब पता चलल त भईल जम के मार धनिया     राह रोकी न  छेकी अब सोनार धनिया  हमरे से लेत बा उ कर्जा उधार हो     बन गईल बा दिन जानत बाटे जवार हो      कहअ त करधन गढ़ा दी आ मोटका हार धनिया     ...

Sunday, January 19, 2025

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे,तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे,तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँगा ।जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥दयानाथ दयानिधि, मेरी अवस्था,तेरे ही हाथो में, मेरी व्यवस्था,कहना होगा जो भी, तुमसे रहूँगा ।जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥ना कोई शिकायत, ना कोई अर्जी,कहलो करालो, जो तेरी मर्जी,सहाओगे जो भी, हंस के सहूँगा ।जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥जहाँ ले चलोगे,...

Saturday, January 18, 2025

जिनगी के दुपहरिया खोजे जब-जब शीतल छाँव र ेपास बोलावे गाँव रे आपन, पास बोलावे गाँव रे।

जिनगी के दुपहरिया खोजे जब-जब शीतल छाँव रेपास बोलावे गाँव रे आपन, पास बोलावे गाँव रे।गाँव के माटी, माई जइसन खींचे अपना ओरिया हर रस्ता, चौराहा खींचेखींचे खेत-बधरिया गाँव के बात निराला बाटे, नेह झरे हर ठांव रे।पास बोलावे गाँव रे आपन.. भोर इहाँ के सोना लागेहीरा दिन-दुपहरिया साँझ सेनुरिया दुलहिन जइसनरात चनन-चंदनियाकेसर के खुशबू में डूबल आपन गाँव-गिराँव रे।पास बोलावे गाँव रे आपन.. कचरी, महिया, छेमी, चिउराशहर में कहाँ भेंटाये? कांच टिकोरा देख-देख के मन तोता ललचाये गाँव में अवते याद पड़ेला जाने केतना नाँव रे।पास...

Thursday, January 9, 2025

मैं तो तुम संग, नैन मिला के

 मैं तो तुम संग, नैन मिला केहार गई सजना, हो, हार गई सजनामैं तो तुम संग, नैन मिला केहार गई सजना, हो, हार गई सजनाक्यूँ झूठे से प्रीत लगाई - २क्यूँ छलिये को मीत बनायाक्यूँ आंधी में दीप जलायामैं तो तुम संग ...सपने में जो बाग़ लगाएनींद खुली तो वीराने थेहम भी कितने दीवाने थेमैं तो तुम संग ...ना मिलतीं ये बैरन अँखियांचैन न जाता दिल भी ने रोताकाश किसी से प्यार न होतामैं तो तुम संग ...

मुरलिया बाजे जमुना तीर

मुरलियां बाजे यमुना के तीरकारो कन्हियाँ कारी कमरियाँ कारो जमुना को नीरमुरलिया बाजे जमुना तीरमीरा के प्रभु गिरिधर नागरचरण कमल पर शीशमुरलिया बाजे जमुना तीरमुरली सुनत मेरो मन हर लीन्हू,चित्त धरत नहीं धीरमुरलिया बाजे जमुना तीर बंसी बजावत गावत कान्हो संग लियो बल बीर मुरलिया बाजे जमुना तीर मोर मुकुट पीताम्बर सोहे २कुंडल झलक गिरमुरलिया बाजे जमुना तीर&nb...

Tuesday, January 7, 2025

गंगा किनारे मोरा गांव - कहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बा - : लक्ष्मण साहाबादी

 कहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बा - 2सुखवा त सभे केहू बाटे, दुखवा बंटावे वाला के बाकहे के त सभे केहू आपन ...डेगे डेगे ठेस लागे जाये केहू केन्हुपत्थरा के देखली जहानहो डेगे डेगे ठेस लागे जाये केहू केन्हुपत्थरा के देखली जहानकेकरा पे करे केहू जग में भरोसा जहर भरल मुस्कानसपना के दियवा आ..आ… सपना के दियवा धुंआईल ज्योत जगावे वाला के बाकहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बाअपना गरज पे त झुकी आवे दुनिया फिर...

नादिया के पार - गूँजा रे चन्दन चन्दन चन्दन -: रवीन्द्र जैन

                                                            गूँजा रे..गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दनहम दोनों में दोनों खो गएदेखो एक दूसरे के हो गएराम जाने वो घड़ी कब आएगीजब होगा हमार गठबँधनगूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दनहो हम्म हो..हो सोना नदी के पानी हिलोर मारेप्रीत मनवा मा हमरे जोर मारे होहो सोना नदी के पानी...

नादिया के पार - जोगी जी धीरे धीरे -: रवीन्द्र जैन

                                                                  जोगी जी धीरे धीरेजोगीजी वाह जोगीजीनदी के तीरे तीरेजोगीजी वाह जोगीजीजोगी जी कोई ढूँढे मूँगा कोई ढूँढे मोतियाहम ढूँढे अपनी जोगनिया कोजोगी जी ढूँढ के ला दोजोगीजी वाह जोगीजीमिला दो हमें मिला दोजोगीजी वाह जोगीजीफागुन आयो...

नादिया के पार - जब तक पूरे ना हों फेरे सात -: रवीन्द्र जैन

                                                           जब तक पूरे ना हों फेरे सातजब तक पूरे ना हों फेरे साततब तक दुल्हिन नहीं दुल्हा कीरे तब तक बबुनी नहीं बबुवा की ना..जब तक पूरे ना हों फेरे सातअभही तो पहुना पहली भंवर पड़ी हैअभीं तो दिल्ली दूर खड़ी हैहो पहली भंवर पड़ी है दिल्ली दूर खड़ी हैसात...

नादिया के पार - कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया -: रवीन्द्र जैन

                                                कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया..हम्म.. कौन दिसा में लेके चला रे बटोहियाकौन दिसा में लेके चला रे बटोहियाठहर ठहर, ये सुहानी सी डगरज़रा देखन दे, देखन देमन भरमाये नयना बांधे ये डगरियामन भरमाये नयना बांधे ये डगरियाकहीं गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़रगाडी हाकन दे, हाकन दे..कौन दिसा में...

नादिया के पार- सांची कहे तोरे आवन से हमरे - जसपाल जैन

                                                                        सांची कहे तोरे आवन से हमरेसांची कहे तोरे आवन से हमरे अंगना में आयी बहार भौजी अंगना में आयी बहार भौजी लक्ष्मी की सूरत ममता की मूरत लक्ष्मी की सूरत ममता की मूरत लाखों में एक हमार भौजी लाखों में...