Tuesday, January 7, 2025

घर दुवार खेत बारी दीहल अलगाई केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई -: गीतकार सुनील यादव युवा किसान

                                                           घर दुवार खेत बारी दीहल अलगाई केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई-५

जर जर बढूउती आईल थाक गईल जांगर
चलल जाला राह नाही,काँपे दुनु टागर-२
बढूउती चली के हई अंगूरी धराई-२
केकरा में बाबू रहीहे केकरा माई-२

का होई खेत बारी, के जोती के बोई
थाकल शरीर हमसे,कौन काम होई-२
उठल न बइठल जाला, चलता दवाई-२
केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई-२

अखियों से कमे लउके, कमे सुनाला
बिगड़े ला काम घर के, बहुते बुझाला-२
चले नाई चारा कौनो, केतनो छटपटाई-२
केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई-२

पालन पोषण कइनी तोहके कोड़ अकामके
ई दिन देखतानी बढूउती में आके
 बहुते कम जिनगी बाटे, कैसे ई ओराई
केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई-२

घर दुवार खेत बारी दीहल अलगाई
केकरा में बाबू रहीहें केकरा माई-५




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