Friday, May 2, 2025
इन्द्रधनुही के रंग में रंगल जिन्दगीकुछ अँजोरिया भरल, कुछ अन्हरिया भरल।-: श्री सुभाष पांडेय गोपालगंज बिहार
Friday, January 31, 2025
राह रोकी न छेकी अब सोनार धनिया गीत :डॉ शशिकांत तिवारी
Sunday, January 19, 2025
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा
Saturday, January 18, 2025
जिनगी के दुपहरिया खोजे जब-जब शीतल छाँव र ेपास बोलावे गाँव रे आपन, पास बोलावे गाँव रे।
Thursday, January 9, 2025
मैं तो तुम संग, नैन मिला के
मैं तो तुम संग, नैन मिला के
हार गई सजना, हो, हार गई सजना
मैं तो तुम संग, नैन मिला के
हार गई सजना, हो, हार गई सजना
क्यूँ झूठे से प्रीत लगाई - २
क्यूँ छलिये को मीत बनाया
क्यूँ आंधी में दीप जलाया
मैं तो तुम संग ...
सपने में जो बाग़ लगाए
नींद खुली तो वीराने थे
हम भी कितने दीवाने थे
मैं तो तुम संग ...
ना मिलतीं ये बैरन अँखियां
चैन न जाता दिल भी ने रोता
काश किसी से प्यार न होता
मैं तो तुम संग ...
मुरलिया बाजे जमुना तीर
कारो जमुना को नीर
मुरलिया बाजे जमुना तीर
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
चरण कमल पर शीश
मुरलिया बाजे जमुना तीर
चित्त धरत नहीं धीर
मुरलिया बाजे जमुना तीर
Tuesday, January 7, 2025
गंगा किनारे मोरा गांव - कहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बा - : लक्ष्मण साहाबादी
कहे के त सभे केहू आपन
आपन कहावे वाला के बा - 2
सुखवा त सभे केहू बाटे,
दुखवा बंटावे वाला के बा
कहे के त सभे केहू आपन ...
डेगे डेगे ठेस लागे जाये केहू केन्हु
पत्थरा के देखली जहान
हो डेगे डेगे ठेस लागे जाये केहू केन्हु
पत्थरा के देखली जहान
केकरा पे करे केहू जग में भरोसा
जहर भरल मुस्कान
सपना के दियवा आ..आ…
सपना के दियवा धुंआईल
ज्योत जगावे वाला के बा
कहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बा
अपना गरज पे त झुकी आवे दुनिया
फिर बनी जाए अनजान
हो अपना गरज पे त झुकी आवे दुनिया
फिर बनी जाए अनजान
इहवां त जे भी मिले रुपवा बदली के
कठिन भईल पहचान
हहरेला अंखियां आ..आ…
हहरेला अंखियां पियासल
हियवा जुरावे वाला के बा
कहे के त सभे केहू आपन आपन कहावे वाला के बा
फिल्म : गंगा किनारे मोरा गांव (Film: Ganga Kinare Mora Gaon)
गायक : महेन्द्र कपूर व साथी (Singer: Mahendra Kapoor & Chorus)
गीतकार: लक्ष्मण साहाबादी (Lyrics: Laxman Shahabad)
संगीतकार: चित्रगुप्त (Music: Chitragupta)
लेबल: टीसीरीज (Lable: T-Series)
नादिया के पार - गूँजा रे चन्दन चन्दन चन्दन -: रवीन्द्र जैन
गूँजा रे..
गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दन
हम दोनों में दोनों खो गए
देखो एक दूसरे के हो गए
राम जाने वो घड़ी कब आएगी
जब होगा हमार गठबँधन
गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दन
हो हम्म हो..
हो सोना नदी के पानी हिलोर मारे
प्रीत मनवा मा हमरे जोर मारे हो
हो सोना नदी के पानी हिलोर मारे
प्रीत मनवा मा हमरे जोर मारे हो
है ऐसन कइसन होई गवा रे
राम जाने
राम जाने वो घड़ी कब आएगी
जब होगा हमार गठबँधन
गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दन
तेरे सपनों में डूबी रहे आँखें
तेरी खुशबू से महक रही साँसें
तेरे सपनों में डूबी रहे आँखें
तेरी खुशबू से महक रही साँसें
रंग तेरे पाँव का लग के मेरे पाँव में
कहे दिन काटेंगे रँगों की छाँव में
हो, बूढ़े बरगद की माटी को सीस धर ले हो
दीपा सत्ती को सौ-सौ परनाम कर ले हो
बूढ़े बरगद की माटी को सीस धर ले
दीपा सत्ती को सौ-सौ परनाम कर ले
ओ देगी आसीस तो जल्दी बियाहेगी, राम जाने
राम जाने वो घड़ी कब आएगी
जब होगा हमार गठबँधन
गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दन
हम दोनों में दोनों खो गए
देखो एक दूसरे के हो गए
राम जाने वो घड़ी कब आएगी
जब होगा हमार गठबँधन
गूँजा रे, चन्दन चन्दन चन्दन
नादिया के पार - जोगी जी धीरे धीरे -: रवीन्द्र जैन
जोगी जी धीरे धीरे
जोगीजी वाह जोगीजी
नदी के तीरे तीरे
जोगीजी वाह जोगीजी
जोगी जी कोई ढूँढे मूँगा कोई ढूँढे मोतिया
हम ढूँढे अपनी जोगनिया को
जोगी जी ढूँढ के ला दो
जोगीजी वाह जोगीजी
मिला दो हमें मिला दो
जोगीजी वाह जोगीजी
फागुन आयो ओ मस्ती लायो
भरके मारे पिचकारी सा रा रा रा रा रा
रंग लेके ओ चंग लेके
गावे जोगीरा भीजादी सारी आ रा रा रा रा रा
जोगीरा, आ रा रा रा रा रा
जोगीरा, आ रा रा रा रा रा
जोगी जी नींद ना आवे, जोगीजी वाह जोगीजी
सजन की याद सतावे, जोगीजी वाह जोगीजी
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा जदी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी, जोगीजी वाह जोगीजी
लगे है दुनिया खारी, जोगीजी वाह जोगीजी
सारे गाँव की गोरियाँ रंग गई हमपे डार
पर जिसके रंग हम रंगे छुप गई वो गुलनार
छुप गईं वो गुलनार जोगीजी सूना है सँसार
छुप गईं वो गुलनार जोगीजी सूना है सँसार
बिना उसे रंग लगाए, जोगी जी वह जोगी जी
ये फागुन लौट ना जाए, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी कोई ढूँढे मूँगा कोई ढूँढे मोतिया
हम ढूँढे अपनी जोगनिया को
जोगी जी ढूँढ के ला दो
जोगीजी वाह जोगीजी
मिला दो हमें मिला दो
जोगीजी वाह जोगीजी
छुपते डोले राधिका ढूँढ थके घनश्याम
कान्हा बोले लाज का आज के दिन क्या काम
लाज का है क्या काम के होली खेले सारा गाम
रंगी है कब से राधा, जोगीजी वाह जोगीजी
मिलन में फिर क्यों बाधा, जोगीजी वाह जोगीजी
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा जदी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी, जोगीजी वाह जोगीजी
लगे है दुनिया खारी, जोगीजी वाह जोगीजी
हमरी जोगन का पता उसके गहरे नैन
नैनं से घायल करे बैनन से बेचैन
देखन को वो नैन जोगी जी मनवा है बेचैन
देखन को वो नैन जोगी जी मनवा है बेचैन
लड़कपन जाने को है, जोगी जी वाह जोगी जी
जवानी आने को है, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी कोई ढूँढे मूँगा कोई ढूँढे मोतिया
हम ढूँढे अपनी जोगनिया को
जो तेरा प्रेम है सच्चा, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगनिया मिलेगी बच्चा, जोगी जी वाह जोगी जी
जंतर मंतर टोटका, भस्मिया ताबीज
पी को बस में कर सके दे दो ऐसी चीज़
दे दो ऐसी चीज़ जोगी जी साजन जाए रीझ
दे दो ऐसी चीज़ जोगी जी साजन जाए रीझ
हमारे पीछे पीछे, जोगी जी वाह जोगी जी
फिरे वो आखें मीछे, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा जदि हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी, जोगी जी वाह जोगी जी
लगे है दुनिया खारी, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी धीरे धीरे
जोगी जी वाह जोगी जी
नदी के तीरे तीरे
जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी ढूंढ के ला दो
जोगी जी वाह जोगी जी
मिला दो हमें मिला दो
जोगी जी वाह जोगी जी
जो तेरा प्रेम है सच्चा
जोगी जी वाह जोगी जी
जोगनिया मिलेगी बच्च
जोगी जी वाह जोगी जी
नादिया के पार - जब तक पूरे ना हों फेरे सात -: रवीन्द्र जैन
जब तक पूरे ना हों फेरे सात
जब तक पूरे ना हों फेरे सात
तब तक दुल्हिन नहीं दुल्हा की
रे तब तक बबुनी नहीं बबुवा की ना..
जब तक पूरे ना हों फेरे सात
अभही तो पहुना पहली भंवर पड़ी है
अभीं तो दिल्ली दूर खड़ी है
हो पहली भंवर पड़ी है दिल्ली दूर खड़ी है
सात फेरे सात जन्मों का साथ
जब तक पूरे ना हों फेरे सात जैसे जैसे भँवर पड़े मन अपनों को छोड़े
एक एक भाँवर नाता अन्जानों से जोड़े
मन घर अंगना को छोड़े
अन्जानों से नाता जोड़े
सुख की बदरी आँसू की बरसात
जब तक पूरे ना हों फेरे सात
तब तक दुल्हिन नहीं दुल्हा की
रे तब तक बबुनी नहीं बबुवा की
ना..
नादिया के पार - कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया -: रवीन्द्र जैन
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया..
हम्म.. कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे
मन भरमाये नयना बांधे ये डगरिया
मन भरमाये नयना बांधे ये डगरिया
कहीं गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाडी हाकन दे, हाकन दे..
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
पहली बार हम निकले हैं घर से
किसी अजाने संग हो
अजाने से पहचान बढ़ेगी तो
महक उठेगा तोरा अंग हो
महक से तू कही बहक ना जाना
महक से तू कही बहक ना जाना
ना कराना मोहे तंग हो
तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
ना कराना मोहे तंग हो
तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
हां ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे…
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
कितनी दूर अभी, कितनी दूर है
ऐ चन्दन तोरा गाँव हो
कितना अपना लगने लगे हैं
जब कोई बुलाये नाम हो
नाम ना लेतो क्या कहके बुलाये
नाम ना लेतो क्या कहके बुलाये
कैसे कराये काम हो
साथी मितवा या अनाडी कहो गोरिया
कैसे कराये काम हो
साथी मितवा या अनाडी कहो गोरिया
कही गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाडी हाकन दे, हाकन दे…
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
ऐ गुजा, उस दिन तेरी सखियाँ
करती थी क्या बात हो ?
कहती थी तोरे साथ चलन को तो
आगे हम तोरे साथ हो
साथ अधूरा तब तक जब तक
साथ अधूरा तब तक जब तक
पुरे ना हो फेरे साथ हो
अब ही तो हमारी है बाली रे उमरिया
पुरे ना हो फेरे साथ हो
अब ही तो हमारी है बाली रे उमरिया
ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे…
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
नादिया के पार- सांची कहे तोरे आवन से हमरे - जसपाल जैन
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार भौजी
अंगना में आयी बहार भौजी
लक्ष्मी की सूरत ममता की मूरत
लक्ष्मी की सूरत ममता की मूरत
लाखों में एक हमार भौजी
लाखों में एक हमार भौजी
ये भौजी..
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार भौजी
तुलसी की सेवा, चन्द्रमा की पूजा
तुलसी की सेवा, चन्द्रमा की पूजा
कजरी चैता अंगनवा में गूंजा
अब हमने जाना की फगुवा शिवा भी
अब हमने जाना की फगुवा शिवा भी
होते हैं कितने त्यौहार भौजी
होते हैं कितने त्यौहार भौजी
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार भौजी
ये घर था भूतन का डेरा
ये घर था भूतन का डेरा
जब से भैया तुम्हारा पग फेरा
दुनिया बदल गयी हालात संभल गयी
दुनिया बदल गयी हालात संभल गयी
अन्न-धन के लगे भंडार भोजी
अन्न-धन के लगे भंडार भोजी
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार भौजी
बचपन से हम काका कही कही के हारे
बचपन से हम काका कही कही के हारे
कोई हमें भी तो काका पुकारे
देदे भतीजा फुलवा सरीखा
देदे भतीजा फुलवा सरीखा
मानेंगे हम उपकार भौजी
मानेंगे हम उपकार भौजी
ए भौजी..
सांची कहे तोरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार भौजी
लक्ष्मी की सूरत, ममता की मूरत
लक्ष्मी की सूरत, ममता की मूरत
लाखों में एक हमार भौजी
अंगना में आयी बहार भौजी