My Parents Shree Jai Prakash Tiwari Kanchan Tiwari

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Lav Tiwari and Kush Tiwari Live Performance at Chhat Mahotsav in Noida

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Me and Noida MLA Smt Vimla Batham

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Lav Tiwari and Kush Tiwari on Mahuaa Plus

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Big Brother Ravi Pratap Singh

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Me Ravinder Goel and Chiranjeet Sir

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Tuesday, December 31, 2024

करूं वंदना आराधना हे गौरी पुत्र गजानन –: कमलेश उपाध्याय हरिपुरी

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

करूं वंदना आराधना हे गौरी पुत्र गजानन 
जय जय गणेश जय श्री गणेश

तू ही हो सुख करता देवा
तू ही हो दुख हरता देवा
हे गज मु खा यः लम्बोदराय 
शिव पार्वती के नंदना
जय जय गणेश ........

हे एकदंताय विद महेश
हे वक्रटुंडाए धीमहि
मोदक प्रियी, रिद्धि सिद्धि पति
सोहे माथ तिलक श्री चांदना
जय जय गणेश ........


करूं वंदना आराधना हे गौरी पुत्र गजानन 
जय जय गणेश जय श्री गणेश



Tuesday, December 24, 2024

नैना बेईमान चार हो जाला गीतकार– श्री अजय त्रिपाठी

नैना बेईमान चार हो जाला 
चाहा न चाहा प्यार हो जाला

हिले न होठ करे बात मिल हीया से हीया
एक दूसरा से दीदार हो जाला
चाहा न चाहा प्यार हो जाला.....

कटे रात औरी दिन में जब बैचेनी होला
त बे मनवा लाचार हो जाला
चाहा न चाहा प्यार हो जाला.....

रूप निखरल बा ए जवानी के ४
देखे खातिर मन बेचैन हो जाला
चाहा न चाहा प्यार हो जाला.....







Wednesday, November 20, 2024

हे गजवदन गणेश जी हम तोहके पुकारीं -: विद्या सागर "सागर सनेही

हे गजवदन गणेश जी हम तोहके पुकारीं
विघ्न हरण विघ्नेश जी हम तोहके पुकारीं

हाथी के मुंह राउर मानुष के तनवा
आवे जायेके बाटे मूस के सधनवा
सिद्धि सदन सर्वेश जी हम तोहके पुकारीं
हे गजवदन गणेश जी हम तोहके पुकारीं

अग्र पुजित गणपति गण नायक
विघ्न विनाशक हे सुखदायक
कृपा कर हरमेश जी हम तोहके पुकारीं
हे गजवदन गणेश जी हम तोहके पुकारीं

माथे मुकुट सोहे चार भुजा धारी
एक दन्त दयावन्त संत हीतकारी
सागर के हर लीं कलेश जी हम तोहके पुकारीं
हे गजवदन गणेश जी हम तोहके पुकारीं



पीके शराब संइया देलें रोज गरियाकरम हमार फूटल बा ए महतरिया -: विद्या सागर "सागर सनेही

पीके शराब संइया देलें रोज गरिया
करम हमार फूटल बा ए महतरिया

टोकला पर कहें पीहीं आपन कमाई
देले नाहीं पइसा हमके तोर बाप माई
बोलबी जो ढेर खइबी लबदा के मरिया
करम हमार फूटल बा ए महतरिया

घर में ना बाटे अब एगो बरतनवा
धीरे धीरे बेंचि दिहलस सगरी गहनवा
अब त बेचे की खातिर मांगे मोरी सारिया
करम हमार फूटल बा ए महतरिया

मना अगर करीं त तूरे लागे बक्सा
कहेला कि मारि के बिगाड़ देइब नक्शा
काटे खातिर लेके दउरे फरुहा,कुदरिया
करम हमार फूटल बा ए महतरिया

बलमा बेदर्दी के कइसे समझाईं
"सागर सनेही" कुछ रउयें बताईं
हमरा के सूझे नाहीं कवनो डहरिया
करम हमार फूटल बा ए महतरिया



ताना मारे बाली, हो बिंदिया, रोवेला कजरवा -: विद्या सागर "सागर सनेही

ताना मारे बाली, हो बिंदिया, रोवेला कजरवा
पिया पजरवा नइख
कइसे करीं तोहरे बिन गुजरवा
पिया पजरवा नइख

दिनवा त बीत जाला बीते नाहीं रतिया
अंखिया से बिसरे नाहीं तोहरी सुरतिया
जागल, जागल होई जाला भिनसरवा
पिया पजरवा नइख
कइसे करीं तोहरे बिन गुजरवा

सुधियो ना लिहल पिया जहिया से गइल
कवने कामे में जाके तूं हूं अझुरइल
समझ में आवे नाहीं कवनो मजरवा
पिया पजरवा नइख
कइसे करीं तोहरे बिन गुजरवा

हमरा के साले एगो शक वाली बतिया
रखिह ना संइया तुंहू कवनो सवतिया
सागर सनेही हमके तोहरे असरवा
पिया पजरवा नइख
कइसे करीं तोहरे बिन गुजरवा


जियता में नाहीं, नाहीं मुअला में अइल,बेटा ई का कइल -: विद्या सागर "सागर सनेही

जियता में नाहीं, नाहीं मुअला में अइल,
बेटा  ई का कइल,
 रीतियो रिवाज भूलि गइल
जबले जियल माई सबही से कहलस
बचवा हमार आई रहिया निहरलस
आवेके कहिके तूंहूं काहे नाहीं अइल
बेटा ई का कइल, रितियो............... 

रुक गइली सांस, आश जिनगी के टूटल
तोहके निहारे खातिर आंख रहे खूलल
प्रीतिया के रीति त्यागी कहाँ अंझुरइल
बेटा ई का कइल रीतियो................ 

जीवन के साथी जब छोड़ि दिहली साथ हो
कइसे बिताइब दिनवा नइखे सुझात हो
"सागर" होइब हमार कइसे, माई के ना भइल
बेटा ई का कइल रीतियो रिवाज भुलि गइल



Sunday, September 29, 2024

गोदि में होरिलवा लेई माथे धइ घरिलवा -: शिब्बू गाज़ीपुरी

अपना खेतवा सिवनिया
गोदि में होरिलवा लेई माथे धइ घरिलवा,
धनिया चsलि दीहलि,
अपना खेतवा सिवनिया धनिया चsलि दीहलि। 
 
डेगे-डेगे जालि धइ पतरी डगरिया,
सोहेला बदनिया प धानी रंग चूनरिया,
रूनुझूनु बाsजेले पाँव-पयजनिया, धनिया चsलि दीहलि
अपना खेतवा सिवनिया धनिया चsलि दीहलि। 
 
झूरु-झूरु बहेला पवन पूरुवईया, 
डोलेले कमरिया जइसे नदि बीच नईया,
बड़ा नीक लागेला कमर-करधनिया, धनिया चsलि दीहलि  
अपना खेतवा सिवनिया धनिया चsलि दीहलि। 
 
सगरो सिवनिया सरसोईया फुलाईल,
गोरि कs टिकूलिया में जिया अझुराइल,
करले गुलेल उनका नाके क झुलनिया, धनिया चsलि दीहलि
अपना खेतवा सिवनिया धनिया चsलि दीहलि।



Sunday, August 25, 2024

जग की पालनहार बने कैसे लगाना -: अजय त्रिपाठी

जग की पालनहार बने कैसे लगाना 
झूले नंदलाल आज यशोदा के पालना

जिनके भरोसे ये जग सारा 
मांग रहा मैया से दे दे सहारा 
टुकुर टुकुर पालने से देख रहा ललना 
झूले नंदलाल..…

पर्वत नदिया जिससे बनती 
दया दृष्टि से दुनिया चलती
गिर गिर उठ उठ सीख रहा लालना
झूले नंदलाल..…

अजब रूप प्रभु अपना बनाए
रुदन करत कभी कभी मुस्काए
देती है मैया ला के खिलौना 
झूले नंदलाल..…



Saturday, August 24, 2024

जन्मे है कृष्ण कन्हैया गोकुल में बाजे बधैया हो

जन्मे है कृष्ण कन्हैया गोकुल में बाजे बधैया हो,
देवकी के जन्मे कन्हैया गोकुल में बाजे बधैया हो.....

नंद मगन मन मोतिया लुटावें,
रानी जसोमति झूलना झुलावें,
देखो बाज रही घर-घर शहनईया,
गोकुल में बाजे बधैया हो,
जन्मे है कृष्ण कन्हैया....

सुंदर मन हर रूप सलोना,
कृष्ण की छवि में है जादू औ टोना,
देखो बलदाऊ के हैं ये भैया,
गोकुल में बाजे बधैया हो,
जन्मे है कृष्ण कन्हैया....

गईया बछडुआ ये खूब कुलांचें,
गोपी ग्वाल मगन होई नाचे,
देखो घर-घर में ता ता थैया,
गोकुल में बाजे बधैया हो,
जन्मे है कृष्ण कन्हैया....



Saturday, August 17, 2024

संसार है चलो यहां देख भाल केइसको बनाने वाले भी होंगे कमाल के –: धीरज कांत

संसार है चलो यहां देख भाल के
इसको बनाने वाले भी होंगे कमाल के
संसार है चलो यहा देख भाल के

करो लाख हिफ़ाज़त मगर टूटेगा एक दिन
कब तक रखोगे कांच के बर्तन संभाल के

सर ताज महलो में भूखा यहां कोई
दुनिया के सारे झगड़े है रोटी और दाल के
संसार है चलो यहा देख भाल के

काटे चुबे है पैर में और रोता भी है कोई
उनसे दुआ लो खैर के काटे निकल के
संसार है चलो यहा देख भाल के

ये रौब का ये तेज और ये ज़ोर और जवानी
कायम रहेगी ना सदा लाली ये गाल की

संसार है चलो यहा देख भाल के
इसको बनाने वाले भी होंगे कमाल के



Friday, August 16, 2024

तेरे खमोश, होंठों से, मोहब्बत, गुनगुनाती है -: अनुराधा पौडवॉल

तेरे खमोश, होंठों से, मोहब्बत, गुनगुनाती है - 2
मैं तेरा हूँ तू मेरी है, यही आवाज आती है।
तेरे खमोश, होंठों से...


तेरे ही नाम ए  हमद, हमारी ज़िंदगानी है - 2
ये धरती से सितारों तक, तेरी मेरी, कहानी है
चमन से, तू जो गुजरे तो, कली भी, मुस्कुराती है - 2
मैं तेरी हुँ तू मेरा है, यही आवाज आती है
तेरे खमोश होंठों से...


जरुरी तो नहीं की, बोलने से प्यार होता है - 2
के आँखों आँखों में भी प्यार का, इजहार होता है
तेरी आँखे मेरी आँखों को ये कहकर बुलाती है -2
मैं तेरी हुँ तू मेरा है यही आवाज आती है
तेरे खमोश, होंठों से...

तेरे खमोश, होंठों से, मोहब्बत, गुनगुनाती है
मैं तेरी हुँ तू मेरा है यही आवाज आती है
तेरे खमोश होंठों से मोहब्बत गुनगुनाती है
तेरे खमोश होंठों से मोहब्बत गुनगुनाती है




ई त बेटी नहीं हई, गंगाजल हई हो ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो-:श्री कृपा शंकर शुक्ल जी

ई त बेटी नहीं हई, गंगाजल हई हो २
ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो

नईहर आ ससुरा में, उमर बटी जाला २
अरे सुखवा दुखवा में दिन कटी जाला हो 
बारहों मास फरे वाला ई ऋतु फल हई हो
ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो..............


जेकरा के दान कईले अरे पपवा पराला 
घुघटा सुफल जब आंचल भरी जाला 
दुनु कुल तारे वाली ई तरल हई हो
ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो..............

अनपूर्णा लक्ष्मी सरस्वती कहाली 
होला जब समर रणचंडी बन जाली 
अरे भलही अबला कहाली ई सबल हई हो
ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो..............

ई त बेटी नहीं हई, गंगाजल हई हो २
ई परम पवित्र तुलसी दल हई हो.....

गीतकार श्री कृपा शंकर शुक्ल जी


Tuesday, April 9, 2024

हमके मिक्सर मँगवा द –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 

हमके मिक्सर मँगवा

सिलवट पर हरदी ना पीसब ननद, हमके मिक्सर मँगवा द।

 

लोढ़ा उठावत मुरुकल कलाई,

अब नाहीं हमसे मसाला पिसाई,

अपना भइया से जा के बता ननद, हमके मिक्सर मँगवा द।

सिलवट पर हरदी...........

 

पीसत-पीसत चूड़ी फुटि जाला,

हाथ सुकुवार मोर, पड़ल फफोला,

वैदा से दवाई मंगा ननद, हमके मिक्सर मँगवा द।

सिलवट पर हरदी...........

 

बइठि पीसत करिहइयाँ पिराइल,

खड़े-खड़े कीचन आदत धराइल,

इहे सनेस पठवा ननद, हमके मिक्सर मँगवा द।

सिलवट पर हरदी...........


गीतकार

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१

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झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 

चइत महिनवां

झुरु-झुरु बहेला पवना हो रामा चइत महिनवां।

 

अमवा के मोजरा से गमके सिवनवां,

कुकेली कोयलिया भावेला मोरा मनवा,

चारो ओरी डोलेला मदनवां हो रामा चइत महिनवां।

झुरु-झुरु बहेला..............

 

महुआ के कोंचवा से टपकेला रसवा,

जियरा मदाई जाला उड़ेला अकसवा,

बस में ना आवे मोरा मनवा हो रामा, चइत महिनवां। 

झुरु-झुरु बहेला..............

 

खेतवा में झुनू-झुनू बाजे अरहरिया,

खेतिहर धइ लेला खेत के डगरिया,

नीक लागे खेत-खरिहनवा हो रामा, चइत महिनवां।

झुरु-झुरु बहेला..............


गीतकार

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१



सोना भइले सगरो सिवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा। –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

चढ़ते चइतवा

सोना भइले सगरो सिवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा।

 

भोरे-भोरे आम डारि कूकेले कोयलिया,

देखि-देखि मन भावे गेहूंवा के बलिया,

झुरु-झुरु बहेला पवनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा।

सोना भइले सगरो सिवनवां.......

 

पाकि-पाकि तिसिया झुनून-झून बाजे,

चना-अरहरिया मिलाई ताल साजे,

बाजे जइसे गोरी के कंगनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा।

सोना भइले सगरो सिवनवां.......

 

रतिया के लागि जाला चंनवां के पहरा,

खेतवा में जाले लोग होते भीनुसहरा,

अनधन से भरेला अंगनवां हो रामा, चढ़ते चइतवा।

सोना भइले सगरो सिवनवां.......


गीतकार

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१



चइत मासे लिहले जनमवा जगतपति, अवधपुरी में –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

चइत मासे लिहले जनमवा जगतपति, अवधपुरी में।

चइत मासे लिहले जनमवा हो रामा अवधपुरी में।

 

मध्य दिवस बीच नवमी के दिनवां,

सीतल मंद-मंद झुरुके पवनवां,

कोसिला के बनले ललनवा जगतपति, अवधपुरी में।

चइत मासे लिहले.............

 

राजा दसरथ जी के ललसा पुराइल,

रिद्धि-सिद्धि उतरी अजोधिया में आइल,

बरसत फूल गगनवा जगतपति, अवधपुरी में।

चइत मासे लिहले.............

 

गहगह अनघ बधाइया बाजत,

मंगल गीत सभे जन गावत,

पूरा कइले सबकर सपनवा जगतपति, अवधपुरी में।

चइत मासे लिहले.............


गीतकार-----

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१



 

देबि माई के बगिया में –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

 देबि माई के बगिया में                     

देबि माई के बगिया में रं-रं के फुलवा

हो सोहावन लागे ना,

गमगम गमकेले फुलवरिया, हो सोहावन लागे ना।

 

बेईल, गेनिया, कनईला, अड़हुलवा 

हो मनभावन लागे ना,

गमगम गमकेले फुलवरिया, हो सोहावन लागे ना।

 

गरवा में मुंड-माला, हाथे तिरसुलवा

रूपवा लुभावन लागे ना,


गीतकार-----

हरविंदर सिंह उर्फ शिब्बू गाज़ीपुरी

ग्राम युवराजपुर जिला गाज़ीपुर

संपर्क सूत्र - ९९९०८७०१२१



सारदा माई दे दिहीं गियनवां –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

सारदा माई दे दिहीं गियनवां

ज्ञान अउरी बुद्धि के खजनवां। 

सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥

 

हथवा में वीणा अउरी हंस के सवारी,

कमल सफेद हाथे, श्वेत वस्त्रधारी,

चमकेला धरती, असमनवां।  

सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥ 

     

रऊरी चरनियां में मथवा नवाइलां,

सभवा में पहिले-पहिले रउरे गून गाइलां,  

हीरदय में राखिलां धियनवां। 

सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥

 

दे दिहीं सरनिया अपना अँचरा के छहियां,

चले के ना ढंग हमरो थाम्ह लीहीं बंहियां,

पूरा करीं मोरा अरमनवां। 

सारदा माई दे दिहीं गियनवां॥ 



असवों बढ़ि आइल गंगा जी के पनिया हो –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

असवों बढ़ि आइल गंगा जी के पनिया हो, लगनियाँ दियाई कइसे। 

बूड़ि गइल सगरो खेतवा सिवनियां हो, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे॥

 

मंहगी क मार से लाचार भइल जिनगी,

करजा कपारे बा पहाड़ भइल जिनगी,

मिलल जात बाटे माटी में जवनियाँ हो,  

लगनियाँ दियाई कइसे, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे.....


टुटहि पलनियाँ  ना छावे कs ठेकान बा,

ढहलि दलनियाँ से आफते में जान बा,

जान कइसे बची सुनs मोरे जनियाँ हो,

लगनियाँ दियाई कइसे, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे.....


छोटकी क कापी-कलम, फीस ना दियात बा,

छोटका के कपड़ा-लाता कुछ ना किनात बा,

रोपल बहि गइल सगरो धान धनियाँ हो,

लगनियाँ दियाई कइसे, झुलनियाँ गढ़ाई कइसे.....




Monday, March 25, 2024

लेके रंगवा गुलाल होरिया में आव ना सजनवा –: शिब्बू गाज़ीपुरी ( भोजपुरी गीत संग्रह - लोक मंजरी )

लेके रंगवा गुलाल, होरिया में आव ना सजनवां।

                                  

चढ़ते फगुनवां जागल मोरा असरा,

तोहसे मिलन के लागल मोरा असरा,

दिनवां गीनत बीते साल, होरिया में आव ना सजनवां।

लेके रंगवा गुलाल, होरिया में आव ना सजनवां॥

 

देवरा बा लरिका कुछऊ ना जनेला,

खुबे जीदियाला एगो बतियो ना मानेला,

भइल बाटे जिया के जवाल, होरिया में आव ना सजनवां। 

लेके रंगवा गुलाल, होरिया में आव ना सजनवां॥

 

केतने फगुनवां बितल बिना तोहरा,

आई के लगाव रंग बन जिन निठोहरा,

तनी हमरो कईs खियाल, होरिया में आव ना सजनवां। 

लेके रंगवा गुलाल, होरिया में आव ना सजनवां॥